बाबा…यह शब्द सुनते ही कान खड़े हो जाते हैं। दिमाग में फौरन खबरें चलने लगती हैं, ठगी, धोखाधड़ी, महिलाओं की इज्जत से खिलवाड़ आदि-आदि। यहां तक कि आप बिना जाने-समझे पुरानी कुंडली को खंगालते हैं और नए सिरे से कुंडली तैयार करते हैं। यह भी आसाराम, राम रहीम जैसा कैरेक्टर लैस होगा। मैं बाबाओं का सपोर्ट एकदम नहीं करता हूं, लेकिन कुछ बाबाओं के चलते सभी को गलत बताना भी सही नहीं है। जिस प्रकार हाथ की सभी उंगलियां एक बराबर नहीं होती हैं, उसी प्रकार सभी बाबा एक तरह के नहीं होते हैं। राम रहीम को सजा होने के बाद देशभर में फैले बाबाओं पर चर्चा गर्म है। आसाराम, सुखबिंदर कौर उर्फ राधे मां, सच्चिदानंद गिरि उर्फ सचिन दत्ता, ओम बाबा उर्फ विवेकानंद झा, निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह, इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी, स्वामी असीमानंद, ऊँ नमः शिवाय बाबा, नारायण साईं, रामपाल, आचार्य कुशमुनि, बृहस्तपति गिरि और मलखान सिंह खासे मशहूर हैं।
मैं जिस बाबा की बात कर रहा हूं, उसके बारे में खुद बाबा तक नहीं जानते हैं। मैं भी नहीं जानता था, लेकिन करीब-करीब जानने लगा हूं। नए बाबा की धमाकेदार एंट्री होने वाली है। इसको लेकर तैयारी जोरों से चल रही है। अब आप भी सोच रहे होंगे कि यह बाबाकौन है, नाम क्या है। यह बाबा हैं… कुडकुडे बाबा। बाबा और उनकी खासियत के बारे में अधिक जानकारी के लिए ‘जनता दरबार’(jantadrbar.blogspot.in) पर दोबारा तशरीफ लाइए।
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